“नोबेल का ट्रंप कार्ड”: क्या ट्रंप वाकई शांति दूत हैं या अवॉर्ड के भूखे हैं?

आशीष शर्मा (ऋषि भारद्वाज)
आशीष शर्मा (ऋषि भारद्वाज)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर चर्चा में हैं, और इस बार वजह है उनकी नोबेल पुरस्कार की शांतिमयी भूख। ट्रंप का कहना है कि उन्होंने अब तक 7 युद्ध सुलझा लिए हैं और 8वें को भी निपटाने के करीब हैं

“इतिहास में किसी ने इतने युद्ध सुलझाए होंगे? मुझे शक है,” ट्रंप ने बड़े आत्मविश्वास के साथ कहा। “शायद नोबेल कमेटी मुझे अवॉर्ड न देने का बहाना ढूंढ रही है।”

नोबेल कमेटी पर ट्रंप का तंज: Peace मिला नहीं, Piece-Piece हो गए!

ट्रंप ने स्वीडिश नोबेल समिति को घसीटते हुए तंज कसा – “Maybe they’ll find some reason not to give it to me. You know how they are.”

मतलब साफ है, ट्रंप का मानना है कि “काम चाहे जितना कर लो, नोबेल फिर भी नहीं मिलेगा!” इस बयान से यह भी जाहिर होता है कि ट्रंप को नोबेल से ज्यादा नोबेल न मिलने का दुःख है

Russia-Ukraine पर भी दावा: “7,000 लोग मरे, अब मैं सुलझा दूंगा!”

ट्रंप ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध भी उनके एजेंडे में है।

“पिछले हफ्ते 7,000 लोग मारे गए, लेकिन I think I’ll fix it,”

अब आप सोच सकते हैं, जब शांति की शुरुआत शवगणना से हो रही हो, तो अंत कहां जाएगा?

क्या है नोबेल शांति पुरस्कार? और ट्रंप की उम्मीद कितनी सॉलिड है?

नोबेल शांति पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जो विश्व शांति, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निरस्त्रीकरण के क्षेत्र में असाधारण योगदान करते हैं।

2024 में यह पुरस्कार जापान के ‘Nihon Hidankyo’ को दिया गया – जिन्होंने परमाणु हथियारों के खिलाफ दशकों तक शांति की लड़ाई लड़ी।
अब सवाल ये – ट्रंप का ट्रूथ सोशल और ट्वीट स्टॉर्म भी क्या उसी लेवल का काम है?

“नोबेल ट्रंप के लिए? Maybe Next Season on Netflix!”

अगर नोबेल पुरस्कार भी Netflix Reality शो होता, तो ट्रंप शायद जीत भी जाते – Episode 1: ट्रंप vs तानाशाह। Episode 2: Deals & Tweets: Making Peace in 280 Characters

शांति का काम ट्विटर पर RT करके हो जाता, तो ट्रंप अब तक Peace के Godfather बन चुके होते।

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